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constipation के homeopathic उपचार . constipation treatment in homeopathy in hindi

Constipation का होम्योपैथिक उपचार [Constipation Treatment In Homeopathy In Hindi]

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क्या आप कब्ज़ या constipation की वजह से हमेशा परेशान रहते हैं? यहाँ जानिए कब्ज़ या constipation के homeopathic उपचार (हिंदी में)जो आपको जल्द ही राहत देंगे।

Constipation का होम्योपैथिक उपचार
Constipation का होम्योपैथिक उपचार



कब्ज़ या constipation एक पाचक तंत्र (digestive system) की बीमारी हैं। इसमें इंसान को मल निकालते वक़्त बहुत दर्द होता है और वह बहुत ही कड़ा होता है और साफ़ भी नहीं आता।

Constipation की इस बीमारी को कुछ specific दवाइयों की मदद से ठीक किया जा सकता है। चूँकि आजकल हर कोई होमियोपैथी में विश्वास करने लगा है, इस article में हम constipation के होमियोपैथी  उपचारों के बारे में ही बात करते हैं. लेकिन पहले जानते हैं कि constipation होने के कारण और लक्षण क्या होते हैं।

कब्ज़ के लक्षण: (Symptoms of constipation)

  • मल निकलने में दर्द होना या बहुत जोर लगाना या मल हो ही ना
  • बार-बार जाने पर फिर भी मल थोड़े से ही होना
  • पेट में दर्द या cramps होना
  • भूख ना लगना
  • पेट फूला हुआ लगे या जी मिचलाना।

कब्ज़ होने के कारण: (Cause of Constipation)

  • नियमित रूप से व्यायाम (Workout) नहीं करना या कोई शारीरिक काम ना करना
  • बढ़ती उम्र
  • ठीक से भोजन ना करना और खाने में fiber का ना होना
  • दिल की बीमारी होना
  • कुछ specific दवाइयां लेना जैसे कि anti-depressants
  • मानसिक उत्तेजना
  • कम पानी पीना
  • दूध और उससे बनी चीज़ों को हज़म (Digest) नहीं कर पाना।

होमियोपैथी की दवाइयों से कब्ज़ में जल्दी ही राहत मिल जाती है, यह बच्चों और बड़ों दोनों के लिए फ़ायदेमंद हैं।

चलिए, कुछ होमियोपैथी तरीके देखे जिससे यह परेशानी कम हो जाए. Constipation treatment in homeopathy in hindi

1. नक्स वोमिका (Nux Vomica) 30 या 200, जरूरत पढ़ने पर सोते समय

यह उपचार तब लें जब:

  • जब कब्ज़ साधारण हो।
  • खासकर उन लोगों के लिए जो desk job करते हैं जो stressful होते हैं।

2. ऐलूमिना (Alumina) LM 3 या 30, दिन में तीन बार

यह उपचार तब लें जब:

  • जब मल tight और गांठ के जैसा हो, शौच जाना चाहए पर मल निकलने में परेशानी हो या निकले ही नहीं और rectum की दशा की वजह से पतला मल भी आसानी की ना निकले।

3. ग्रेफाइट्स (Graphites) 30, दिन में तीन बार

यह उपचार तब लें जब:

  • जब मल कड़ा हो और बड़े हिस्से में निकले या उसमे mucus और blood हो।
  • गरम दूध पीने से राहत मिले।

4. कॉस्टिकम (Causticum) 30, दिन में तीन बार

यह उपचार तब लें जब:

  • जब बाथरूम जाने की इच्छा हो पर stool निकले नहीं या निकले तो सूखा हो और बैठ के जाने से ज़्यादा खड़े होकर जाना अच्छा लगे।

5. हाइडेस्ट्स (Hydratis) Q या  30, दिन में तीन बार

यह उपचार तब लें जब:

  • जब कब्ज़ की वजह से पेट अंदर से कठोर लगे।

6. लईकोपोडियम (Lycopodium) 30, दिन में तीन बार

यह उपचार तब लें जब:

  • जब ऐसा महसूस हो की rectum में कुछ फ़स गया हैं और मल कड़ा, तोड़ा सा और अधूरा निकले वह भी मुश्किल से।

7. ओपियम (Opium) 30, दिन में तीन बार

यह उपचार तब लें जब:

  • जब मल छोटी गोलियों की तरह हो, और जाने की इच्छा  एक बार भी ना निकले या कहीं दिनों तक न जाने के बाद भी कोई दर्द ना हो।

8. ब्रयोनिया (Bryonia) 30, दिन में तीन बार

कब्ज़ का यह होमियोपैथी उपचार तब लें जब:

  • जब आंते (intestine) काम ना करे या उसमे से कोई आव(mucus) ना हो और पेट की खराबी की वजह से सर में भी दर्द हो।
  • मल सूखा और कड़ा हो और बहुत प्यास लगे।

9. प्लमबम मैठ (Plumbum mat) 30, दिन में तीन बार

यह उपचार तब लें जब:

  • अगर बहुत समय से कब्ज़ हो तो यह दवा ले ले। शौच जाने की इच्छा होती हैं पर बहुत मुश्किल से जा पाते हैं।
  • जब कब्ज़ के साथ पेट दर्द भी हो और ऐसा लगे जैसे पेट की अंदरूनी wall spine से जोड़ कर खींची जा रही हो।

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